लखनऊ। लखनऊ में इन दिनों भू-माफिया तेजी से सक्रिय हो रहे हैं। इन भू-माफियाओ पर लगाम कसने में पुलिस व प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
इन समस्याओं को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस जल्द ही लखनऊ में जमीनों पर कब्जा करने और कई किसानों की जमीन हथियाने वाले भू-माफिया को चिन्हित करना शुरू कर दिया है।
अब तक 16 थानों में 29 बड़े भू-माफिया चिन्हित किए जा चुके हैं। कई और प्रापर्टी डीलरों पर भी पुलिस की नजर गड़ी हुई है।
इन सबकी करतूतों का ब्योरा तैयार कर लिया गया है।
इनमें दो भू-माफिया पर गैंगस्टर एक्ट लग चुका है।
पुलिस का दावा है कि इस एक्ट के तहत ही इन भू-माफिया की सम्पत्ति भी कुर्क की जायेगी।
बिल्डरों के अवैध कब्जे बदस्तूजर जारी, आखिर किसकी शय पर हो रहा कब्जा
कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस ने पिछले साल मुख्तार अंसारी गिरोह पर बड़ी कार्रवाई की थी।
इनकी कई सम्पत्तियों पर पुलिस ने बुलडोजर चलवा दिया था। इसी तरह तीन और माफिया के खिलाफ सख्ती हुई थी।
इसमें पीजीआई में रामसिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई थी।
फिर मामला शांत पड़ गया था।
गोसाई गंज में सक्रिय है गैंग
अभी कुछ दिन पहले गोसाई गंज स्थित पिंटेल पार्क सिटी नामक कंपनी के द्वारा जबरन एक विवादित भूमि पर रातों-रात सड़क का निर्माण कराया गया पीडि़त ने पुलिस व प्रशासन में हर जगह फरयाद की परंतु कोई सुनवाई नहीं हुई।
इन सब घटनाओं से जहां भू-माफियाओ के इकबाल बुलंद हुए हैं वही दूसरी ओर पीडि़तो का मनोबल गिर रहा है।
इन सब घटनाओ से सबक लेकर पुलिस भू-माफिया पर नकेल कस रही है।
इसी कड़ी में सभी एडीसीपी और एसीपी को इस सूची को तैयार करने को कहा गया था।
जिला प्रशासन स्तर से भी भू-माफिया की सूची तैयार की गई है।
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक तहसील स्तर पर जमीन कब्जा करने की कई शिकायतें आ रही थी।
इसके बाद ही सूची तैयार करना शुरू कर दिया गया था।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि जमीन पर कब्जा करने की हर शिकायत पर कार्रवाई की जा रही है।
माफिया पर जल्दी ही कार्रवाई की जायेगी। इसके नोडल अधिकारी जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी है।
वर्ष 2005 में बना था भू-माफिया प्रकोष्ठ
2005 में लखनऊ के तत्कालीन एसएसपी आशुतोष पाण्डेय ने भू-माफिया के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की थी।
इसके लिये बाकायदा भू-माफिया प्रकोष्ठ बनाया था।
उस समय कई बड़े भू-माफिया को जेल भेजा गया था और उनकी सम्पत्ति कुर्क की गई थी।